गया, 08 अक्टूबर 2024 - गया जिले में पुलिस और CRPF ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। 12 साल से फरार चल रहे कुख्यात नक्सली हरी मुंडिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। हरी मुंडिया पर सुरक्षाबलों पर हमले और कई गंभीर अपराधों का आरोप है। यह गिरफ्तारी गया पुलिस और CRPF के संयुक्त ऑपरेशन के तहत की गई, जो जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों के खिलाफ चल रही विशेष मुहिम का हिस्सा है।
पुलिस की योजना और गिरफ्तारी की प्रक्रिया:
7 अक्टूबर 2024 को पुलिस को सूचना मिली कि छकरबंधा थाने के अंतर्गत नक्सली हरी मुंडिया अपने ठिकाने पर मौजूद है। इसके बाद तत्काल कार्रवाई की गई और विशेष पुलिस टीम के साथ CRPF के जवानों ने क्षेत्र को घेर लिया। सुरक्षाबलों के भारी दबाव में हरी मुंडिया ने आत्मसमर्पण किया। उसके पास से पुलिस को कई संदिग्ध सामग्री भी मिली, जिससे नक्सली गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं।
गंभीर अपराधों में वांछित:
हरी मुंडिया के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। 2012 के एक मामले में उस पर सुरक्षाबलों पर हमला करने का आरोप है, जिसमें पुलिस के जवान घायल हुए थे। इस घटना में नक्सलियों ने पुलिस के एक वाहन को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया था। इसके अलावा, हरी मुंडिया पर कई अन्य हमलों और नक्सली गतिविधियों को संचालित करने का आरोप है।
उसे गिरफ्तार करने के बाद, पुलिस ने खुलासा किया कि हरी मुंडिया 2018 की एक घटना में भी शामिल था, जिसमें सुरक्षाबलों पर गंभीर हमला किया गया था। इस घटना में भी पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए नक्सलियों पर काबू पाया था, लेकिन हरी मुंडिया फरार हो गया था।
पुलिस और CRPF की सफल कार्रवाई:
इस पूरे ऑपरेशन में गया जिले की पुलिस और CRPF ने बेहतरीन तालमेल दिखाया। पुलिस अधीक्षक के निर्देशों के तहत इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जिससे जिले में नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लगा। पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी से नक्सलियों की कमर टूटेगी और उनके संगठनों में खौफ फैलेगा।
अपराध की विस्तृत जानकारी:
हरी मुंडिया पर थाना शेरघाटी में दर्ज कई केस लंबित हैं। इनमें धारा 147, 148, 149, 307, 302 जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। इन अपराधों के कारण उसे जिले में नक्सलियों के बड़े नेता के रूप में देखा जाता है। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी के बाद अन्य नक्सली गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।
पुरस्कार और प्रोत्साहन:
इस सफल ऑपरेशन में शामिल सभी पुलिसकर्मियों और CRPF के जवानों को विशेष रूप से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। पुलिस के अनुसार, आने वाले समय में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में और सख्त अभियान चलाए जाएंगे ताकि इलाके में शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
हरी मुंडिया की गिरफ्तारी नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही है। पुलिस और CRPF के इस संयुक्त अभियान से न सिर्फ जिले की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों का भरोसा भी सुरक्षाबलों पर मजबूत होगा।
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