पैथोलॉजी जांच में रुकावट
मंगलवार को सुबह से ही मेडिकल कॉलेज में मरीजों की भारी भीड़ देखी गई। कर्मचारी समय पर ड्यूटी पर पहुंचे, लेकिन जैसे ही काम शुरू करने की कोशिश की गई, सर्वर ने काम करना बंद कर दिया। सुबह 8 बजे से लेकर 10 बजे तक रजिस्ट्रेशन काउंटर ठप रहा, जिसके बाद धीरे-धीरे काम शुरू हुआ। हालांकि, सर्वर की गति काफी धीमी थी, जिससे हर रजिस्ट्रेशन और रिपोर्ट निकालने में 10 से 15 मिनट लग रहे थे। इससे न केवल मरीजों की लंबी कतारें लग गईं, बल्कि काफी संख्या में मरीज बिना जांच कराए वापस लौटने पर मजबूर हुए।
महिला अस्पताल की स्थिति
मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में भी सर्वर की समस्या ने गर्भवती महिलाओं को परेशानी में डाल दिया। रजिस्ट्रेशन न होने की वजह से गर्भवती महिलाएं पुरुष अस्पताल भेजी गईं, लेकिन वहां भी सर्वर के धीमे चलने के कारण लंबी कतारें लग गईं। दोपहर तक महिला अस्पताल में एक भी मरीज का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका, जिससे मरीज और तीमारदारों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा।
मरीजों का गुस्सा, हंगामा और अव्यवस्था
सर्वर की लगातार खराबी और धीमे काम करने की वजह से मरीजों और उनके तीमारदारों का गुस्सा फूट पड़ा। उमस भरी गर्मी में घंटों खड़े रहने के बाद मरीजों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। कई जगहों पर ओपीडी में मरीजों ने शॉर्टकट से अंदर घुसने की कोशिश की, जिससे हालात और बिगड़ गए। सुरक्षाकर्मियों और अस्पताल कर्मचारियों ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। इस अव्यवस्था के कारण डॉक्टर भी भारी दबाव में थे, खासकर मेडिसिन और ईएनटी विभागों में जहां सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आए थे। मेडिसिन विभाग में 350 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया, जिनमें से अधिकतर पेट दर्द, बुखार और कमर दर्द की समस्याओं से जूझ रहे थे।
तकनीकी समस्या का समाधान और प्रशासन की प्रतिक्रिया
सीएमएस डॉ. एचके मिश्रा ने बताया कि सर्वर की इस समस्या के पीछे तकनीकी खामी है, जिसे जल्द ही दूर करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मरीजों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरा अस्पताल प्रशासन काम कर रहा है। मरीजों से भी अनुरोध किया गया है कि वे अस्पताल की व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग करें। हालांकि, लगातार दो दिन तक सर्वर की खराबी ने मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाओं को हिला कर रख दिया है। मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच तकनीकी समस्याओं का समाधान अस्पताल के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
निष्कर्ष: अव्यवस्था और निराशा का दौर
देवरिया मेडिकल कॉलेज में सर्वर की खराबी ने मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। दो दिनों से लगातार आ रही इस तकनीकी गड़बड़ी ने चिकित्सा सेवाओं को प्रभावित किया, जिससे सैकड़ों मरीज बिना जांच कराए लौटने पर मजबूर हुए। अस्पताल प्रशासन ने स्थिति को संभालने के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन तकनीकी समस्या के समाधान के बिना मरीजों की समस्याओं का हल नहीं हो सकता।
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