गया, बिहार: दुर्गा पूजा उत्सव के मद्देनजर श्रद्धालुओं की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आज दिनांक 09.10.2024 को पुलिस केंद्र, गया में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता वरीय पुलिस अधीक्षक, गया और जिला पदाधिकारी, गया ने संयुक्त रूप से की। बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक, अपर पुलिस अधीक्षक (नगर), और अन्य प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी शामिल हुए।
बैठक का मुख्य उद्देश्य दुर्गा पूजा के दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाना था, ताकि त्योहार शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके। इस बैठक में पूजा स्थलों, विसर्जन जुलूस, भीड़ प्रबंधन, और सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। वरीय पुलिस अधीक्षक और जिला पदाधिकारी ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए ताकि सभी तैयारियां समय पर और सही ढंग से पूरी की जा सकें।
प्रमुख दिशा-निर्देश:
- भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान:वरीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सभी प्रमुख दुर्गा पूजा स्थलों पर भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए सभी प्रवेश और निकास द्वारों को अच्छी तरह से व्यवस्थित करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि पूजा पंडालों के अंदर और बाहर जाने में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो।
- सीसीटीवी कैमरों की तैनाती:सभी पंडालों में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया है, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। यह कैमरे पुलिस कंट्रोल रूम से सीधे जुड़े होंगे, जिससे किसी भी अप्रिय घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
- विसर्जन की व्यवस्था:अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि विसर्जन की तिथि और समय को पूर्व निर्धारित किया जाएगा। इससे यातायात प्रबंधन सुचारू रहेगा और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सकेगा। साथ ही, जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- वीडियोग्राफी की अनिवार्यता:विसर्जन जुलूस के दौरान वीडियोग्राफी के लिए एक कैमरा मूर्ति के पास और दूसरा जुलूस के पीछे लगाने का निर्देश दिया गया है। इससे पूरे कार्यक्रम की निगरानी की जा सकेगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को रिकॉर्ड किया जा सकेगा।
- नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति:सभी पंडालों और जुलूस स्थलों पर नोडल पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। उनका मुख्य कार्य पूरे आयोजन के दौरान हर गतिविधि का समन्वय करना और यह सुनिश्चित करना होगा कि सुरक्षा और सुविधा के सभी निर्देशों का पालन हो रहा है।
- आपात स्थिति के लिए तैयारियां:सभी पंडालों में बालू और पानी की पर्याप्त व्यवस्था का निर्देश दिया गया है ताकि किसी भी प्रकार की आग या आपातकालीन स्थिति से निपटा जा सके। अग्निशमन दल भी विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों पर तैनात रहेंगे।
- पंडालों के लाइसेंस की जांच:यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी पूजा पंडाल सरकारी नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं, सभी पंडालों के लाइसेंस की जांच की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर पंडाल कानूनी रूप से संचालित हो और सुरक्षा मानकों का पालन हो रहा हो।
- ड्रोन कैमरों से निगरानी:सुरक्षा की अतिरिक्त परत जोड़ने के लिए, प्रमुख क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। यह तकनीक पुलिस को हर गतिविधि पर नजर रखने में मदद करेगी और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करने में सहायक होगी।
बैठक का उद्देश्य और परिणाम
इस उच्च स्तरीय बैठक का उद्देश्य न केवल शहर में सुरक्षा की स्थिति को और बेहतर बनाना था, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी था कि दुर्गा पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। वरीय पुलिस अधीक्षक और जिला पदाधिकारी ने इस अवसर पर सभी संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे जिम्मेदारी से अपनी भूमिका निभाएं और यह सुनिश्चित करें कि उत्सव के दौरान कानून-व्यवस्था पूरी तरह से नियंत्रण में रहे।
इसके साथ ही, बैठक में यह भी चर्चा की गई कि कैसे पुलिस और प्रशासन आम जनता के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक कर सकता है। पूजा आयोजकों से भी पुलिस अधिकारियों ने अपील की कि वे सुरक्षा और व्यवस्था के नियमों का सख्ती से पालन करें।
निष्कर्ष:
गया पुलिस और प्रशासन की यह बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि दुर्गा पूजा का आयोजन शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से हो। अधिकारियों द्वारा उठाए गए यह कदम यह दर्शाते हैं कि सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। शहर में सीसीटीवी, ड्रोन और पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती से यह उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष का उत्सव शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न होगा।
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