गया: दुर्गा पूजा, दीपावली, छठ पर्व और चुनाव के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए गया पुलिस ने व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन अवसरों पर भीड़भाड़ बढ़ने और बड़े पैमाने पर आयोजन होने के कारण आग लगने जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए प्रशासन ने विशेष रूप से आग से बचाव और सुरक्षा के उपायों पर बल दिया है। वरीय पुलिस अधीक्षक कार्यालय, गया द्वारा जनता और आयोजन समितियों को इन निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है, ताकि त्योहारों और चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
अग्नि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
गया पुलिस ने पंडाल निर्माण से लेकर विद्युत उपकरणों और आयोजन स्थल की संरचना तक विस्तृत निर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन करना आयोजनकर्ताओं के लिए अनिवार्य है। इन निर्देशों में आग लगने की संभावनाओं को कम करने और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के उपायों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
क्या करें (Do’s):
1. पंडाल निर्माण में मानक का पालन करें:
पंडाल का निर्माण भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) 8758–1993 के अनुसार किया जाना चाहिए। पंडाल बनाने के लिए जो भी सामग्री उपयोग में लाई जा रही है, वह अग्नि-रोधी होनी चाहिए। साथ ही, पंडाल के ढांचे में लोहे या अन्य धातुओं का उपयोग करें, ताकि वह मजबूत और सुरक्षित हो।
2. अग्निशमन उपकरण अनिवार्य करें:
पंडाल और आयोजन स्थलों में अग्निशमन यंत्र, बालू और पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। इसका प्रावधान आयोजन स्थल के आकार के आधार पर किया जाएगा:
- 100 वर्ग मीटर से बड़े पंडालों में: 4 अग्निशमन यंत्र, 2 बालू के भरे हुए ड्रम, और 2 पानी के ड्रम अनिवार्य रूप से होने चाहिए।
- खुले स्थान का ध्यान: पंडाल और मंच के चारों ओर कम से कम 5 मीटर खुला स्थान रखना अनिवार्य है। इसके अलावा, पंडाल में प्रवेश और निकास के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और आपात स्थिति में तुरंत निकाला जा सके।
3. सुरक्षित वायरिंग का उपयोग करें:
पंडाल में बिजली के तारों और अन्य उपकरणों की वायरिंग सुरक्षित तरीके से की जाए। बिजली के तारों को अच्छे से इन्सुलेट किया जाए और खुले तारों का कहीं भी प्रयोग न हो। किसी भी स्थिति में बिजली के तारों को लटकते हुए न छोड़ा जाए।
4. आग से निपटने के लिए तैयारी रखें:
सभी आयोजन स्थलों पर स्पार्कल्स या आतिशबाजी का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा। विशेषकर पंडाल और भीड़भाड़ वाले स्थानों के नजदीक किसी भी प्रकार की आतिशबाजी का प्रयोग न किया जाए। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की ज्वलनशील सामग्री का आयोजन स्थल पर प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
5. विद्युत कनेक्शन सावधानीपूर्वक लगाएं:
आयोजन स्थल पर किसी भी प्रकार के अस्थायी विद्युत कनेक्शन के लिए सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य है। विद्युत बोर्ड और तारों का सही ढंग से उपयोग हो ताकि शॉर्ट सर्किट से बचा जा सके।
क्या न करें (Don'ts):
1. फ्लेमेंबल सामग्री का प्रयोग न करें:
पंडाल के निर्माण में ज्वलनशील सामग्री जैसे कपड़े, पॉलिथीन या रेशमी धागों का उपयोग करने से बचें। इन सामग्रियों से आग लगने का खतरा ज्यादा होता है।
2. खुले तारों का उपयोग न करें:
पंडाल में किसी भी प्रकार के खुले तारों का इस्तेमाल नहीं किया जाए। बिजली के तारों को अच्छी तरह से इंसुलेट किया जाना चाहिए और खुले में न रखा जाए। किसी भी तरह की खराब वायरिंग से आग लगने की संभावना रहती है, इसलिए इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जाए।
3. धूम्रपान पर सख्त प्रतिबंध:
पंडाल के अंदर या उसके आसपास धूम्रपान पर सख्त पाबंदी रहेगी। यह सुनिश्चित करना आयोजन समिति की जिम्मेदारी होगी कि पंडाल के भीतर कोई धूम्रपान न करे। धूम्रपान से आग लगने का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए इस पर विशेष ध्यान दिया जाए।
4. आकस्मिक बुझाने के साधनों की उपेक्षा न करें:
आयोजन स्थल पर अग्निशमन उपकरणों, बालू और पानी की व्यवस्था न होना गंभीर लापरवाही मानी जाएगी। यदि किसी आयोजन स्थल पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, तो पुलिस प्रशासन इसे गंभीरता से लेगा और आयोजनकर्ता पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
5. पंडाल के भीतर अत्यधिक भीड़ न होने दें:
आयोजन स्थल पर भीड़ को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। किसी भी समय पंडाल में निर्धारित संख्या से अधिक लोग न हों, ताकि आपातकालीन स्थिति में उन्हें आसानी से निकाला जा सके।
आयोजनकर्ताओं के लिए विशेष निर्देश
गया पुलिस ने दुर्गा पूजा और आगामी चुनाव के मद्देनजर सभी आयोजन समितियों और जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे इन दिशा-निर्देशों का पालन करें। आयोजन स्थल पर पर्याप्त अग्निशमन यंत्र, बालू और पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर भीड़ नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की सहायता ली जा सकती है।
संपर्क और सहायता
गया पुलिस ने आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर संपर्क किया जा सकता है:
-पुलिस सहायता नंबर: 112
-गया पुलिस कंट्रोल रूम नंबर: 0631-2222634
-पुलिस आपातकालीन संपर्क नंबर: 8544501050
निष्कर्ष
गया पुलिस द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उद्देश्य दुर्गा पूजा, चुनाव, और अन्य बड़े आयोजनों के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इन दिशा-निर्देशों का पालन न केवल आयोजकों बल्कि जनता के लिए भी महत्वपूर्ण है, ताकि वे सुरक्षित और सुगम वातावरण में त्योहारों का आनंद ले सकें। गया पुलिस ने सभी से अनुरोध किया है कि वे इन निर्देशों का पालन करें और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।
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