सहारनपुर में यति नरसिंहानंद के बयान पर भड़का विवाद, शेखपुरा में पुलिस पर पथराव, एक पुलिसकर्मी घायल
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक बार फिर साम्प्रदायिक तनाव बढ़ गया है, जब जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और डासना शिव शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानंद के विवादित बयान ने माहौल को गरमा दिया। उनके बयान से नाराज मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सहारनपुर के शेखपुरा गांव में विरोध प्रदर्शन किया, जो बाद में हिंसा में बदल गया। पुलिस के ऊपर पथराव किया गया, जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। इसके बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।
घटना की शुरुआत: यति नरसिंहानंद के बयान से भड़का आक्रोश
यति नरसिंहानंद का विवादित बयान पैगंबर मोहम्मद सल्लल्लाहू अलैहि वसल्लम के खिलाफ था, जिसे लेकर मुस्लिम समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया। यह बयान तेजी से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से फैलने लगा, जिसके परिणामस्वरूप कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन की घटनाएं सामने आने लगीं। सहारनपुर के देहात कोतवाली क्षेत्र के शेखपुरा गांव में रविवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने इसका विरोध करते हुए जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया। पुलिस ने पहले ज्ञापन लेकर स्थिति को शांत करने की कोशिश की, जिससे कुछ समय के लिए माहौल शांत हो गया।
पथराव और हिंसा की शुरुआत
स्थिति तब और बिगड़ी जब कुछ देर बाद युवाओं की भीड़ ने पुलिस चौकी का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसके बाद भीड़ और उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पथराव इतना उग्र था कि पुलिसकर्मियों को पीछे हटना पड़ा। इस घटना में एक पुलिसकर्मी के माथे पर पत्थर लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच यह झड़प करीब आधे घंटे तक चलती रही, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया।
प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया: इलाके में पुलिस बल तैनात
घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्र के सीओ द्वितीय मुनीश चंद्र तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लिया। शेखपुरा चौकी के पास तीन थानों की पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया। स्थिति को देखते हुए पुलिस ने शेखपुरा और आस-पास के इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
एसएसपी का बयान: कानून व्यवस्था सख्त
सहारनपुर के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने कहा कि यति नरसिंहानंद के बयान को लेकर चल रहे विवाद को ध्यान में रखते हुए पहले ही पुलिस ने शेखपुरा गांव में जाकर ज्ञापन ले लिया था, जिससे स्थिति कुछ समय तक शांत रही। लेकिन बाद में युवाओं की भीड़ ने पुलिस चौकी का घेराव करने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद पथराव की घटना हुई। वीडियो और अन्य फुटेज के आधार पर अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 40 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय निवासियों में दहशत, पुलिस पर भरोसा
घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। शेखपुरा गांव के स्थानीय निवासियों में इस घटना के बाद दहशत है, लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई और इलाके में सुरक्षा बल की तैनाती से लोगों में राहत भी है। पुलिस प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
सामाजिक शांति की अपील
इस घटना के बाद जिले के धार्मिक और सामाजिक नेताओं ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। जिले में सामाजिक ताने-बाने को बचाने के लिए विभिन्न समुदायों के नेताओं ने आपसी सहयोग की बात कही है। जिला प्रशासन भी लगातार लोगों से संयम बरतने और अफवाहों से दूर रहने की अपील कर रहा है।
निष्कर्ष: स्थिति नियंत्रण में, सतर्कता बढ़ाई गई
सहारनपुर की यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि कैसे धार्मिक भावनाओं से जुड़ी टिप्पणियां शांति और सामाजिक सौहार्द को खतरे में डाल सकती हैं। यति नरसिंहानंद के बयान ने एक छोटे से गांव में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैला दिया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा और पथराव हुआ। फिलहाल, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है, लेकिन अभी भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस दोषियों को गिरफ्तार करने और घटना की तह तक जाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।
सहारनपुर की इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि जिम्मेदार और संयमित बयानबाजी समाज में शांति बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक है। सभी समुदायों को आपसी समझदारी और सहयोग से ही सामाजिक सौहार्द की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
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